छेड़ने वालों को मांद में घुसकर मारता है विकसित भारतः सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने 494 सहायक अध्यापक तथा 49 प्रवक्ताओं को वितरित किए नियुक्ति पत्र

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक बार फिर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा वक्तव्य दिया। मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान पर भारत की कार्रवाई को विकसित भारत की झलक करार देते हुए कहा कि विकसित भारत किसी को छेड़ता नहीं है। अनावश्यक किसी के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करता है, लेकिन अगर कोई हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करके हमारे नागरिकों की सुरक्षा में सेंध लगाता है तो नया भारत उसको छोड़ता भी नहीं है। उसकी मांद में घुसकर मारता है। कल इस भारत की ताकत का एहसास पूरी दुनिया ने किया है और आने वाले समय में भी दुनिया इसका एहसास करेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोकभवन सभागार में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के तहत चयनित 494 सहायक अध्यापक तथा 49 प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र का वितरण करते हुए ये बातें कहीं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 23 राजकीय इंटर कॉलेज में मिनी स्टेडियम का भी शिलान्यास किया। मिनी स्टेडियम की लागत 4.92 करोड़ रुपए है। कार्यक्रम में 05 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को अटल टिंकरिंग लैब तथा 05 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को आईसीटी लैब स्थापना के प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।

दलती दुनिया के साथ चलेंगे तो प्रासंगिकता बनी रहेगी

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने सभी नवनियुक्त शिक्षकों से अपील की कि दुनिया बदल चुकी है, हमें उसके साथ अपने आप को लेकर चलना होगा। अगर हम उसके साथ चलेंगे, आज की आवश्यकता के अनुरूप अपने युवाओं को तैयार करेंगे तो हमारी प्रासंगिकता बनी रहेगी। अगर हम कहीं भी चूके तो उसका खामियाजा सिर्फ हमारी वर्तमान पीढ़ी को ही नहीं भुगतना पड़ेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ी भी कभी हमें माफ नहीं करेगी।

हमें वर्तमान के अभियान का हिस्सा बन करके मजबूती के साथ एक विकसित भारत की आधारशिला अपने विद्यालयों से रखनी है। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने क्षेत्र में नवाचार, शोध और विकास के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करें। शिक्षा के क्षेत्र में वह कौन से परिवर्तन ला सकते हैं, कौन सी तकनीक अपना सकते हैं जो नौजवानों के सामने पहचान का संकट नहीं, बल्कि उज्जवल भविष्य की दिशा तय कर सके। वह इन बातों का अध्ययन करें कि पढ़ाने का तरीका क्या हो सकता है। पाठ्यक्रम उबाऊ न हो, आपकी क्लास उबाऊ ना बने, इसके लिए आपको छोटी-छोटी कथाओं के माध्यम से उन्हें पढ़ाना होगा।

चयन की पूरी प्रक्रिया पर कोई प्रश्न नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि चयन की जो प्रक्रिया संपन्न हुई है इसमें किसी भी स्तर पर सिफारिश करने की जरूरत नहीं पड़ी होगी। चयन की पूरी प्रक्रिया में, उसकी निष्पक्षता में, उसकी पारिदर्शिता में किसी भी प्रकार का कोई प्रश्न खड़ा नहीं हुआ। जिस निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत आपका चयन हुआ है, उसी प्रकार शासन भी आपसे अपेक्षा करता है कि ऐसे ही माध्यमिक शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए आपका भी योगदान होना चाहिए। अक्सर देखते हैं कि जब तक व्यक्ति नौकरी नहीं पाता है तब तक वह तमाम उलाहने देता है, लेकिन सरकारी नौकरी प्राप्त करते ही वह अपने कर्तव्यों से विरत हो जाता है।

इसी का परिणाम है कि एक समय माध्यमिक शिक्षा परिषद के सामने वजूद बचाने का संकट पैदा हो गया था। 2017 के पहले माध्यम शिक्षा नकल के लिए बदनाम हो चुकी थी। बेसिक शिक्षा वीरान पड़ गई थी। आज उत्तर प्रदेश की इस स्कूली शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं। नवाचार को अपनाया गया है, तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया गया है। नीति आयोग की बैठकों में नवाचार की चर्चा हुई तो बेसिक शिक्षा के ऑपरेशन कायाकल्प को चुना गया।

पहले की सरकारों ने बचपन के साथ किया खिलवाड़

उन्होंने कहा कि 8 वर्ष में 8 लाख से अधिक नौजवानों को प्रदेश की विभिन्न सेवाओं में सरकारी नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। अकेले माध्यमिक शिक्षा में यह संख्या 40 हजार तक पहुंच रही है। पिछले कुछ समय में हमने 8000 से अधिक शिक्षक माध्यमिक शिक्षा से जुड़े हुए राजकीय इंटर कॉलेज में चयनित किए हैं। इससे पहले बेसिक शिक्षा परिषद में भी प्रदेश सरकार ने लगभग 1,23,000 से अधिक शिक्षकों की सफलतापूर्वक भर्ती के कार्यक्रम को आगे बढ़ा करके शिक्षकों की कमी को पूरा किया था। यह प्रयास पहले भी हो सकते थे, नहीं किए गए। राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं थी, शिक्षा सरकार के एजेंट का हिस्सा नहीं थी। प्रदेश और देश के बचपन के साथ खिलवाड़ करना कुछ लोगों के जीवन का एक जुनून बन चुका था।

इस अवसर पर वित्त एवं संसदीय मंत्री सुरेश खन्ना,राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) माध्यमिक शिक्षा गुलाब देवी, कार्यवाहक मुख्य सचिव अनिल कुमार, अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजी शिक्षा कंचन वर्मा मौजूद रहीं।

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